मत पूछ के किस तरह से चल रही है जिन्दगी…….,,,

उस दौर से गुजर रहे है…..,,जो गुजरता ही नही..!

अजीब सी बेताबी है तेरे बिना,


रह भी लेते है और रहा भी नही जाता…


एक तेरे बगैर ही ना गुज़रेगी ये जिंदगी….

बता मैँ क्या करूँ सारे ज़माने की मोहब्बत लेकर॥

“हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते …..

वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते”
मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि,

दर्द सहने का लुत्फ़ उठाता हु मैं…
वो तूफ़ान है या ज़लज़ला है,

जो भी है है बड़ा दिलजला है ।
कोई अजनबी ख़ास हो रहा है,
लगता है फिर प्यार हो रहा है !!
मैंने पूछा लोग कब चाहेंगे, मुझे
मेरी तरह……
बस मुस्कुरा के कह दिया सवाल अच्छा है….!!
चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए ,

तुम झुकते नहीं, और मै चौखटें ऊंची कर नही पाता 
Zindagi tu kabhi nahin aayi,

Maut aayi hai zara zara kar ke..

समेट कर रखे ये कोरे पन्ने एक रोज  बिखर जाएंगे …

जिंदगी तेरे किस्से खामोश रहकर भी बयां हो जाएंगे…

When god pushes you to the edge, only two things can happen; either He will catch you when you fall or He will teach you how to fly.
पढ़ रही थी मोहब्बत की किताबो को..

पहले पन्ने में इश्क़ दिखा बाकी में बेवफाई...✍

इंतजार के तेल में भीगी हुई बाती लिये,

चराग़-ए-शाम की तरह जलने लगी हूं मैं




मोहब्बत छोड़ के हर एक जुर्म कर लेना,

वरना तुम भी मुसाफिर बन जाओगे तनहा रातों के…
उसका वादा भी बडा अजीब था जिंदगी भर साथ निभाने का..
मैंने भी ये नहीं पूछा कि मुहब्बत में साथ दोगे या यादों में
अच्छी सूरत को संवरने की जरूरत नहीं
सादगी भी तो एक कयामत हो सकती है..!

वो शख्स मेरी रग-रग से वाकिफ़ है इस तरह,

कि उसी पे हाथ रखता है, जो दुखती बहुत है...
किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में,

पहले से बेहतर दिखने लगा है..!
..✍♡
नक़ाब क्या छुपाएगा शबाब-ए-हुस्न को,
निगाह-ए-इश्क तो पत्थर भी चीर देती है..

फासला रखकर क्या हासिल कर लिया तुमने...!!

रहते तो आज भी तुम मेरे दिल मे ही हो....!!!!

दिल से पुछो तो आज भी मेरे ही हो,

मगर कमिनी किस्मत धोका कर गई....!!!!

थोड़ा ईंतजार तो कर लेते किसी और का होने से पहले....
मेरे दिन खराब थे दिल नही.....


मेरे मुकद्दर में तो सिर्फ यादें है तेरी.

जिसके नसीब में तू है, उसे ज़िन्दगी मुबारक..
मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,
मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है। ❤️
डाली पर बैठे हुए परिंदे को पता है कि डाली कमज़ोर है
फिर भी वो उस डाली पर बैठता है क़्योकी उसको डाली से  ज़यादा अपने पंख पर भरोसा है
🙏🙏🙏🙏
शोहरतें बदल देती हैं रिश्तों के मायने.......,

मुकद्दर किसी को इतना भी मशहूर ना करे.....
कितनी दुखी होती है गरीब की जिंदगी.,,,,,,,,,,,

गरीबी माँ के हिस्से का बुढ़ापा भी खा जाती है.....!!
हमने *दिल* वापस मांगा तो वो सर झुका कर बोले,

वो तो *टूट* गया खेलते खेलते.....!!

हमने *दिल* वापस मांगा तो वो सर झुका कर बोले,

वो तो *टूट* गया खेलते खेलते.....!!

*अब तो कोयले भी काले नही लगते,*

*जब से जाना है अंदर से इंसानो को हमने.*
इश्क़ की बातें किताबों में अच्छी लगती है 

अगर हो जाये तो तकलीफ़ बहुत होती है

कुछ जख्म सदियों बाद भी ताजा रहते है..

वक़्त के पास हर मर्ज़ की दवा नहीं होती...

मेरी झोली में कुछ अलफ़ाज़ अपनी दुआओ के डाल देना
ऐ दोस्त
क्या पता तेरे लब हिलें और मेरी तकदीर सवर जाये....
खूबसूरती न सूरत में है न लिबास में !

निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दें !!
*अपने उसूल .....कभी यूँ भी तोड़ने पड़े,,,,*

*खता उसकी थी .....हाथ मुझे जोड़ने पड़े......*

दरवाजा भी जैसे मेरी धड़कन से जुड़ा है,


दस्तक ही बताती है के पराया है के तुम हो..

ॐ नम: शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
।।सुप्रभात।।
तन्हाई के लम्हे अब तेरी यादों का पता पूछते हैं…
तुझे भूलने की बात करूँ तो… ये तेरी खता पूछते हैं…!!
Ye jo humdard milte hai na….
Yaqeen mano Doston inhi se Dard milte hai…
इश्क़ अब जिस्मानी खेल बन के रह गया...
पनघट किनारे इंतजार करने का ज़माना चला गया
"क्या बेच कर हम तुझे ख़रीदे ए ज़िन्दगी,


सब कुछ तो गिरवी पड़ा है, मोहोब्बत के बाज़ार में…

*न ढूँढ खुदा को ज़मीन-ओ-आसमान की गर्दिश में,*
*अगर वो तेरे दिल में नहीं, तो फिर तेरे लिए ..*
*कहीं भी नहीं !!*
जी घुट रहा है मेरा...इस अँधेरे में...
और कितनी देर है...अभी सवेरे में...
સાચા સંબંધ ની સુંદરતા એક-બીજાની ભૂલ *સહન* કરવામાં જ છે.... કારણકે ભૂલ વગરનો મનુષ્ય ગોતવા જશો તો આખી જિંદગી *એકલાજ*  રહી જશો.
इतना भी करम उनका कोई कम तो नहीं है

ग़म देकर पूछे हैं कोई ग़म तो नहीं है
*सलीका परदे का भी अजीब रखा है,*


*निगाहें जो कातिल है उन्हें ही खुला रखा है....*
*रोज घर से निकलते वक्त ये मसला बड़ा हो जाता है*
*कौन-सा चेहरा पहन कर निकलें*
*ये सवाल खड़ा हो जाता है।*



रात भर तारीफ़ की मैंने तुम्हारी


चाँद इतना जला कि सूरज हो गया...
रफ़ू क्यूँ कर रहे हो जब इसे फ़िर चाक होना है।

ये मिट्टी का बदन मिट्टी की ही ख़ूराक होना है।।
स्याही की तासीर का अंदाज़
देखिये :
खुद-ब-खुद बिखरती है, तो दाग़...बनाती है।
और जब कोई बिखेरता है, तो
अलफ़ाज़...बनाती है॥
*પેપર માં આવતો નિબંધ અને જીવનમાં બંધાતો સંબંધ*
*જો આપણો મન ગમતો હોય તો*
*નિબંધ માટે શબ્દ*
*અને સંબંધ માટે લાગણી*
*કોઇ દિવસ નથી ખુટતી*


चल हो गया फ़ैसला, कुछ कहना ही नहीं..
तू जी ले मेरे बग़ैर... मुझे जीना ही नहीं... !!!

बिन तेरे
यूँ तो हम अधूरे नहीं हैं....
पर जाने फ़िर भी क्यूँ....हम पूरे नही है.....
*भूलकर भी मुसीबत में न पड़ना कभी,*
*खामखां, दोस्तों की पहचान हो जाएगी*
तुझे हर बात पे मेरी जरूरत पड़ती ,
काश मैं भी कोई झूठ होता ………”
OK, BYE, Thank You , Sorry , Good Morning , પણ સાલું જયારે ઘર નાં ઉબરાં જોડે ઠેસ વાગે ત્યારે ''ઓહ માં'' જ શબ્દ નીકળે છે  વિશ્વમાતૃભાષાદિવસ ની હાર્દિક સુભેચ્છા..
🙏🏻Ⓜ♏🙏🏻
सहम उठते हैं कच्चे मकान,,,
पानी के खौफ़ से,,!!!
महलों की आरज़ू ये है की,,,बरसात तेज
हो...!!!

हवा खिलाफ चली तो चराग़ खूब जला
खुदा भी होने के क्या क्या सबूत देता है
नवाज देवबंदी

"फ़क्र ये है कि तुम मेरे हो...,
और फ़िक्र ये कि...पता नहीं कब तक..!"

कुछ तो दर्द होना चाहिए जिंदगी में
ज़िंदा होने का अनुमान बना रहता है!
नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था
गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था
*माना दुनियाँ बुरी है,*
*सब जगह धोखा है,*

*लेकिन हम तो अच्छे बनें,*
*हमें किसने रोका है !*🌹
।।सुप्रभात।।

हवा के साथ बहने का...... मज़ा लेते हैं वो अक्सर,
हवा का रुख़ बदलने का हुनर जिनको नहीं आता।


लफ़्ज़ों में ज़ाहिर करूं तो मेरे ख्वाहिश की तौहीन होगी...
तू मेरी रूह में उतर के समझ ले मेरी हसरतों को..

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....