Subscribe to:
Posts (Atom)
ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....
-
*मेरा दर्द तो ..... सिर्फ मेरा खुदा जानता हैं,* *तुमने तो सिर्फ...... मेरी मुस्कान देखी है...!*
-
रफ़ू क्यूँ कर रहे हो जब इसे फ़िर चाक होना है। ये मिट्टी का बदन मिट्टी की ही ख़ूराक होना है।।