"फ़क्र ये है कि तुम मेरे हो...,
और फ़िक्र ये कि...पता नहीं कब तक..!"

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....