कितनी दुखी होती है गरीब की जिंदगी.,,,,,,,,,,,

गरीबी माँ के हिस्से का बुढ़ापा भी खा जाती है.....!!

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....