“हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते …..

वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते”

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....