सहम उठते हैं कच्चे मकान,,,
पानी के खौफ़ से,,!!!
महलों की आरज़ू ये है की,,,बरसात तेज
हो...!!!

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....