"क्या बेच कर हम तुझे ख़रीदे ए ज़िन्दगी,


सब कुछ तो गिरवी पड़ा है, मोहोब्बत के बाज़ार में…

No comments:

Post a Comment

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....