Best place to copy paste shayries for whatsapp, twitter and Facebook
🍁 मंजिल-ए-ज़िन्दगी पे तनहा पहुँचे , कोई तमन्ना साथ न थी ,
थक थक कर इस राह में आखिर
एक साथी छूट गया 🍁
ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....
No comments:
Post a Comment