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*मेरे पास तो में भी नही...!!!*🌹
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मेरा गम भी बे"दर्द निकला,
क्यु के "सनम"बे दर्द था।
मुसतन मुसाफीरर..........📝
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इतनी सर्दी है आज कल के
कुछ रिश्ते भी ठंडे पढ गये हैं🎸
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कभी तुम मुझे अपना तो कभी गैर कहते गये,
देखो मेरी नादानी, हम सिर्फ तुम्हें अपना कहते गये....!💐💐
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*किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह किसी के दिल में...*
*यूँ ही हर शख्स प्यार का हक़दार नहीं होता...!!!*
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हज़ार चेहरे हुजूम-ऐ-दुनियाँ...
ना जाने तेरी तलाश क्यू है...!!!
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जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नही होते,
ढूढ लेना अंधेरो मे मंजिल अपनी,
जुगनू कभी रौशनी के मोहताज नही होते....
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मेरे अल्फाज़ भी नाराज़ है मुझसे,,,,,,,,
मैं वो लिख नहीं पा रहा हूँ, जो महसूस कर रहा हूँ,,,,,,,
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खुली फ़ज़ा में अगर लड़खड़ा के चल न सकें,
तो ज़हर पीना है बेहतर शराब पीने से।
शहज़ाद अहमद..........📝
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यहाँ हर किसी को, दरारों में झाकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा..!!
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नींद टूटी है तो एहसास भी जागा .
धूप दीवार से आँगन में उतर आई .....💞💞💞💞
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*कमाल का ताना दिया है आज दिल ने*
*अगर कोई तेरा है तो कहाँ है* 💔
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कुछ चाय ...कुछ यादें..!!
आओ हम भी करें सर्दी से दो बातें....!!!!
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दों जाम बेहक गए" शैख"
और हम" खुम"में लेके होश में हैं।
मुसतन मुसाफीरर.........📝
शैख- बोहत बडा प्रवचनकार
खुम-शराब का डर्म, बोहत बडा घडा,
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कितने मसरूफ़ हैं हम,
जिंदगी की कशमकश में...
इबादत भी जल्दी में करते हैं,
फिर से गुनाह करने के लिए..!!
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