ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक....

हौसला रख ए मुसाफ़िर....

कभी सुना है क्या....

अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....

आते है मुझे भी इबादत के सारे सलीके..!!

तू एक बार मेरा खुदा बनके तो देख....!!!! 
वो सब बेरंग है जो ढूँढ़ते व्यापार होली में,
विजेता हैं जिन्हें स्वीकार है हर हार होली में, 
मैं मन्दिर ने निकल जाऊँ, तुम मस्जिद से निकल आना 
तो मिलकर हम लगायेंगे, गुलाल -ए- प्यार होली में...!! 
  Dr. Kumar Vishwas

तुम कागजों पर और भी खूबसूरत दिखते हो,

यकीन नहीं तो मेरी चंद शायरी पढ लो..!!!

*ग़र यकीन न हो तो बिछड़ कर देख लो.......!*

*तुम मिलोगे सबसे, मगर हमारी ही तलाश में.....!!!*
💖💖🍁

बदन से बहने वाले खून का रंग तो लाल ही था,

न जाने क्यूँ वो फिर भी रंगों को लेकर झगड़ते है

मतलब के लिए ना ठुकरा देना तुम किसी की इबादत को ए दोस्त।     

क्योंकि दौलत से ज्यादा रिश्तों की अहमियत होती है।।

हथेली पर रखकर नसीब, तु क्यो अपना मुकद्दर ढूँढ़ता है;
सीख उस समन्दर से, जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढ़ता है!

बेवजह है, तभी तो दोस्ती है,
वजह होती तो, साज़िश होती...!

शुक्र है परिंदो को नहीं पता कि उनका मज़हब क्या है... ,

वरना रोज़ आसमान से खून की बारीश होती... 🙏 

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....