बातों कें ज़ख्म, बड़े गहरे होते हैं दोस्त, 

क़त्ल भी हो जाते हैं,
* और * खंजर भी नही दिखते..!!

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....