*मुठ्ठियों में क़ैद हैं जो खुशियाँ* *सब में बांट दो; 

*आपकी हो या मेरी हो* *हथेलियां एक दिन तो खाली ही जानी हैं..*

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....