तू इश्क़ की दूसरी निशानी दे दे मुझे,


आँसू तो रोज़ गिर कर सूख जाते हैं।

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....