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आँख की तस्वीर सर-नामे पे खींची है कि ता,
तुझ पे खुल जावे कि इस को हसरत-ए-दीदार है......
असदउल्लाह नौशा मिर्जा गांलिब....📝
ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....
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