** मंदिर की सीढ़ियों पे , 
    खड़ी थी मैं उसके ख्याल में,,,

    वो दीप बन के जल उठा  
     मेरी पूजा की थाल में ,,,**

No comments:

Post a Comment

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....