*लम्हे फुर्सत के आएं तो, रंजिशें भुला देना दोस्तों,*

*किसी को नहीं खबर कि सांसों  की मोहलत कहाँ तक है ॥* 💕

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....