खुशियाँ उतनी ही
अच्छी…जितनी मुट्ठियों मे समा जाए.
छलकती ,बिखरती खुशियो को ..अक्सर नजर लग
जाया करती है!

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....