वो मुस्कुराहट..
धुंधली सी होने लगी हैं..
शायद झुर्रियों ने उसके चेहरे पर.. अपनी जगह बनाना शुरू कर दी हैं...
शायद झुर्रियों ने उसके चेहरे पर.. अपनी जगह बनाना शुरू कर दी हैं...
ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....
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