सियासत इस कदर आवाम पे अहसान करती है..! ,, 

खुद आँखे छीन लेती है और चश्में दान करती है..!!

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....