शायर ना छोटा बडा, रंक या उमराव ! 

सब की अपनी कल्पना, सबके अपने भाव !!

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....