जब भी क़लम को मेरे कभी आईं झपकियाँ,

आँखों ने आँसुओं से लिखा जागते रहो।।

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....