हल्की सी हो चुकी है नाजुक पलके मेरी,

मुद्दतो बाद इन नजरो से गिरा है कोई….

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....