एक लम्हे में कटा है मुद्दतों का फ़ासला,

मैं अभी आया हूँ तस्वीरें पुरानी देख कर..

No comments:

Post a Comment

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....