*सीख नही पा रहा हूँ मैं मीठे झूठ बोलने का हुनर......*
*कडवे सच ने हम से न जाने कितने अजीज छीन लिए....*
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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....
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कुछ बेमन सी मैं , बेख़यालों में खयाल उसका कर बैठी, दूर जाने की सोची थी , पर और पास आ बैठी
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*मेरा दर्द तो ..... सिर्फ मेरा खुदा जानता हैं,* *तुमने तो सिर्फ...... मेरी मुस्कान देखी है...!*
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*ग़र यकीन न हो तो बिछड़ कर देख लो.......!* *तुम मिलोगे सबसे, मगर हमारी ही तलाश में.....!!!* 💖💖🍁
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