◦•●◉✿ 𝕕 𝕜 𝕜 𝕤 ✿◉●•◦

*"उड़ने दो मिट्टी,*
     कहाँ तक उड़ेगी...

*हवा का साथ छूटेगा,ज़मीं पर आ गिरेगी..*
  ◦•●◉✿ 𝕕 𝕜 𝕜 𝕤 ✿◉●•◦

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....