◦•●◉✿ 𝕕 𝕜 𝕜 𝕤 ✿◉●•◦

कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई..


सिसकते हुए शब्दों में बस एक आपको ही तो मांगा था.
  ◦•●◉✿ 𝕕 𝕜 𝕜 𝕤 ✿◉●•◦

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....