मुझ को गहराई में मिट्टी की उतर जाना है,

ज़िंदगी बाँध ले सामान-ए-सफ़र जाना है 

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....