बिना मक़सद सुनाई थी मैंने,कहानी मेरे ज़ज्बात की,
हर शख़्स सुनता रह गया, बस आपबीती सोचकर !!

No comments:

Post a Comment

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....