*निकल पड़ा है हर मजदूर*_ *दिहाड़ी पर,*

 *किसी के कांधे पे गमछा है.... *किसी के गले मे टाई.*

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....