लगता हैं हम में ही कुछ ख़ामी हैं...


फिर भी उनके जवाब की उम्मीद बाकि हैं..

No comments:

Post a Comment

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....