आंसुओं में भीगे लफ्ज़ कागज़ से लिपट जाते,

हर्फ़ बिखर जाते और अहसास में सिमट जाते...

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....