मेरी दुनिया के मालिक तूने , दुनिया क्या बनाई है ,
 
कहीं पर ग़म के मेले हैं , कहीं बजती शहनाई है !

No comments:

Post a Comment

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....