वो कोशिश ही करते रह गए अल्फ़ाज़ों से,
दिल छूने की,
हम तो अहसास थे,
मोहब्बत की रूह छू कर चले गए...

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....