संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा, 
अपने इस दिल में तेरे ही ख्वाब जगाऊंगा, 
यूँ एक बार आजमा के देख तेरे दिल में बस जाऊंगा, 
मैं तो प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में मर जाऊॅंगा। 

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ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक.... हौसला रख ए मुसाफ़िर.... कभी सुना है क्या.... अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया.....